koytur

 


*आज आदिवासीयो के सामने करो या मरो की स्थिति है*
साथियो अगर पूरे देश में आदिवासीयो की स्थिति का आकलन किया जाए तो हमारे समक्ष करो या मरो जैसी स्थिति निर्मित हो रही है । अगर चुपचाप हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे तो मरने की नोबत आ रही है और छतीसगढ़ व झारखण्ड के उदाहरण हमारे सामने है।इसलिए मरना दोनों स्थिति में है तो क्यों न कुछ तूफानी करके ही मरा जाए।एक बात समझ मे नही आती है कि जो लोग आदिवासियो के लिए कुछ करना चाह रहे है लोग उन्हें मारने पर उतारू है और जो चुपचाप गोदड़ी में घी पी रहे है वो कुछ करना ही नही चाहते।फिर आदिवासियो का क्या होगा।निवेदन है कि जो लोग कर रहे है उन्हें करने दें।जो कुछ नही करना चाहते वो भले कुछ नही करे पर करने वालो की राह में कांटे न बिछाएं।बुद्दिजीवियों से निवेदन है कि किसी भी राजनीतिग्यो के झांसे में न आएं।क्योंकि आदिवासीयो ने 70 साल से ही शोषण झेला है।

संविधान में भी हमारे लिए स्वशासन की व्यवस्था है जो निम्न है।<br />
*(1) अनुच्छेद 13(3)(क)-* रूढ़ीवादी ग्राम सभा का प्रभाव। ग्राम सभा के कानुन लागु होगे। अधिसूचित क्षेत्रो मे सामान्य कानुन लागु नही होगे।
*(2) अनुच्छेद 19(5)(6)-* अधिसूचित क्षेत्रो मे बगैर रूढ़िगत ग्राम सभा की अनुमति के गैर आदिवासी नही घुसेगा
व्यापार ,कारोबार,उघोग,सेवा नही करेगा।
*(3) महाराष्र्ट बनाम अन्य 5 जनवरी 2011-* आदिवासी ही भारत का मुल मालिक है।
*(4) वैदांता जजमेन्ट* अधिसूचित क्षेत्रो मे बगैर रूढ़िगत ग्राम सभा की अनुमति के खनन नही किया जा सकता है। मालिकाना हक हमारा होगा।
*(5) समता जजमेंट* अधिसूचित क्षेत्रो मे केन्द्र व राज्य सरकार की एक इंच जमीन नही है। आदिवासीयो की जमीन गैर आदिवासी नही खरीद सकता हैं।
*(6) अनुच्छेद 224(1)* अधिसूचित क्षेत्रो मे आदिवासीयो का प्रशासन व नियंत्रण होगा।
*(7) अनुच्छैद 243(ब)(ड)-* अधिसूचित क्षेत्रो में पंचायत त्रीयस्तरीय आम चुनाव,नगरपालिका,नगर परिषद, नगरनिगम, असंवैधानिक है।
*(8)अनुच्छैद 244(1)पैरा (5)(क)-* 244 अनुच्छेद को नही मानने वाले देशद्रोही माने जायेगे।
*(9)अनुच्छैद 244(1) पैरा(2)-* इसके अनुसार अधिसूचित क्षेत्रो में आदिवासीयो को 100% आरक्षण है।
भील समाज विकास समिति एवं राणा पूंजा युवा संगठन ब्लाक कुंभलगढ़
Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.